Chandigarh : आत्मा ही परमात्मा का असली अस्तित्व : सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज
- By Krishna --
- Monday, 09 Jan, 2023
Soul is the real existence of God
Soul is the real existence of God : चण्डीगढ़। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने अपने प्रवचनों में फरमाया कि पठानकोट के इंडस्ट्रीयल ग्रोथ सेंटर झचेली में आयोजित विशाल संत समागम में संगतों का सैलाब इसलिए नही आया कि हाजिरी को दिखना है बल्कि इस प्रभु परमात्मा, निरंकार से जुडऩे के लिए ही आया है। जब भी संतमति वाले संतों का संग हो जाता है तो निरंंकार से नाता और भी गहरा हो जाता है। जैसे कमल का फूल कीचड़ में रह कर भी अपना अलग अस्तित्व ले लेता है और कीचड़ का रंग अपने उपर नही चडऩे देता। इसी प्रकार संत भले ही कितना भी दुख-सुख, प्रलोभन, माया का रंग अपने उपर नही चढऩे देते। इसलिए भक्तजन गृहस्थ, समाज में रहकर भी अपने मन को इस निराकार प्रभु परमात्मा से जोड़े रखते हैं।
आत्मा ही परमात्मा का असली अस्तित्व / Soul is the real existence of God
उन्होंने फरमाया कि जिस प्रकार नदी के एक छोर से दूसरे छोर तक जाना होता है तो वो नाव सहारा बनती है, वैसे ही अगर जीवन को मनुष्य जोनी में जीना है तो यह शरीर वो नाव है। ऐसे में शरीर रूपी नाव ही हमारा अस्तित्व नहीं है बल्कि आत्मा ही परमात्मा का असली अस्तित्व है। इसलिए परमात्मा के दिए इस शरीर के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना अति जरूरी है। माता जी ने अपने प्रवचनों में खासकर युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हमें पौष्टिक भोजन तो खाना ही है और जहां इसे दुनियावी नशों से दूर रखना है वहींकाम,क्रोध लोभ ,मोह,अहंकार के नशे से भी दूर रहना है। केवर और केवल इस इस परमात्मा का ही नशा रहे। सतगुरु माता जी ने उदाहरण के द्वारा समझाते हुए कहा कि दो मित्र काफी समय पश्चात मिलते हैं। एक मित्र गुलाब के फूलों का व्यापार करके जीविका कमाता है तथा दूसरा मित्र मछली बेचकर जीवन यापन करता है। पहले मित्र के अनुरोध पर वे उसके घर आता है। जहां पर उसे फूलों की सुगंध में सोने में दिक्कत होती है तो वह वहां बाहर रखी मछली की टोकरी को अंदर लेकर पास में रख कर सोता है, तो उसे नींद आ जाती हैं। उन्होंने भाव समझाते हुए कहा कि यह हमारी आदत है जिसका हमें चयन करना है कि हमें जीवन जीते हुए अहमियत फूलों को देनी है, कांटो को नहीं। जब भक्त अच्छे आचरण व अच्छी आदतों को जीवन में अपनाते हैं तो फिर हरेक में निराकार को देखकर सभी से प्रेम, प्यार हो जाता है। दिल से दिल की दूरी खत्म हो जाती है, प्यार का पुल बन जाता है। नफरतों, उलझनों की दीवारें ढह जाती हैं तथा सबके साथ मिलवर्तन, भाईचारे के भाव प्रबल हो जाते हैं।
यह खुशियों भरे पल सत्गुरु माता जी की कृपा से प्राप्त हुए / These happy moments were achieved by the grace of Satguru Mata Ji
इससे पूर्व राज पिता रमित जी ने पठानकोट के सामागम को सौभग्य बताते हुए कहा कि यह सब खुशियों भरे पल सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज जी की कृपा से प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा इसंान अधूरा है वह इस पूरे परमात्मा के साथ जुड़ कर ही पूरा हो सकता है। यह भी कहा जाए कि विशाल के साथ जुड़ कर विशाल बन सकता है। उन्होंने अंत में समूह संगत को गुरु के वचनों को कर्म में ढालने के लिए प्रेरित किया।
सुबह 11 बजे पठानकोर्ट पहुंची माता सुदीक्षा जी / Mata Sudiksha ji reached Pathankot at 11 am
पंजाब व जम्मू-कश्मीर की कल्याण यात्रा के बाद सतगुरु माता सुदीक्षा जी सुबह 11 बजे पठानकोट के इंडस्ट्रीयल ग्रोथ सेंटर झचेली में आयोजित विशाल संत समागम में अपने भक्तों को अर्शीवाद देने पहुंचे थे। इस अवसर पर उनके साथ निरंकारी राज पिता रमित जी भी विशेष रुप से उपस्थित थे। जिनका स्वागत जोनल इंचार्ज महात्मा मनोहर लाल शर्मा जी द्वारा किया गया।
जोनल इंचार्ज ने किया संस्थाओं के प्रतिनिधियों का धन्यवाद / Zonal incharge thanked the representatives of the organizations
इस अवसर पर जोनल इंचार्ज महात्मा मनोहर लाल शर्मा ने स्थानीय पुलिस प्रशासन, सिविल प्रशासन, रेलवे विभाब,पंजाब रोड़वेज,नगर कौंसल, मार्किट कमेटी, क्षेत्र के विभिन्न राजनीतिक, समाजिक व धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों का धन्यवाद किया।
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